Sunday, April 26, 2020

स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के उपलक्ष्य पर !! नारी सशक्तिकरण!! विश्व महिला दिवस!! Women empowerment.

नमस्कार मित्रों!  "मेरे विचार!मेरी कलम से!"

    यहां पर हम आप सभी के लिए स्वरचित कविताएं, समाज सुधारक लेख, मोटिवेशनल कोट्स आदि पोस्ट करते हैं। आप सभी से हमारा विनम्र निवेदन है कि कृपया हमारी पोस्ट्स को Iएक बार जरूर पढ़ें, और फिर इसको ज्यादा से ज्यादा लोगो को सोशल मीडिया के द्वारा शेयर जरूर करें। सभी लोगो तक श्रेष्ठ कंटेंट जरूर शेयर करें।



नारी समाज का वो हिस्सा है जिसके बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है। नारी अपने एक छोटे से जीवन में अनगिनत चरित्रों को निभाती है। बेटी, लड़की, बहन, बहू, पत्नी, मां, दादी ये सब नारी के ही रूप है।

इसकी दशा में समय समय पर बदलाव होता रहा है।
प्राचीन काल में नारी की दशा बहुत श्रेष्ठ थी। समय बीतता गया और इस पर अत्याचार बढ़ते गए। अनेक समाज सुधारक आए जिनसे नारी की दशा में बहुत बड़ा बदलाव आया।

पर अभी भी ऐसे बहुत से स्थान है जहां पर महिलाओं पर अत्याचार होता है और वो स्वयं ही इससे अनभिज्ञ होती है।



आज में अपने विचार एक उत्साहवर्धक कविता के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूं। आप सभी से मेरा यह निवेदन है कि नारी की गरिमा बनाए रखने, इसकी रक्षा करने और इसको आगे बढ़ने में अपना सहयोग दे।

किसी कवि ने बड़ा ही खूब कहा है कि -
   " नारी से ही संसार है!!"

स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती के उपलक्ष्य में। मेरे विचार! मेरी कलम से! "Himanshu saxena Success master"


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"HIMANSHU SAXENA SUCCESS MASTER"
"SUCCESS MASTER"


                 "नारी सशक्तिकरण"




"मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना"
"मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना"

जिन्होंने किए हैं तुम पर अत्याचार,
जिन्होंने कहा तुम हो बेकार।
जिन्होंने किया तुम्हारा अपमान,
जिन्होंने किया तुम्हारे साथ दुर्व्यवहार।।



उन लोगो के डर से मत रुकना।
और मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना।।

मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना

जो समझते है तुम्हे उपभोग की चीज,
भूल गए हैं वो खुद की तमीज।
जिनके लिए तुमने छोड़ा परिवार,
कर रहे है वहीं तुम्हारा तिरस्कार।।

"और मेरी बहनों उस साए से मत डरना"
"मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना"

"मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना"



सहती है समाज के तानों को,
एक बार तुम इसको जानो तो।
होता जब - जब इस पर वार है,
कहती है सिर्फ मुझे जीने दो।।

"और लोग क्या कहेंगे इसके डर से मत रुकना"
"मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना"

"मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना"

जिन्होंने कहा तुम हो लाचार,
जमाना चाहते है तुम पर अधिकार।
न होती ये , तो न होता परिवार,
न होती ये , तो न मिल पाता किसी तरह का प्यार।।

"और मेरी बहनों ऐसे अंधकार से तुम मत डरना"
"मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना"

"मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना"


तुम अपने पर अड़ी रहना,
लाखो मुसीबतें हो पर फिर भी तुम खड़ी रहना।
कहता हूं सबसे न समझना इसको अबला,
क्योंकि ये है शक्ति का अवतार।।

"और मेरी बहनों बिना रूके हुए निडरता के साथ आगे बढना"
मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना"

"मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना"
"मेरी बहनों उन आवाजों से मत डरना"

लेखक :-   हिमांशु सक्सैना
एडिटर :- राधिका सक्सैना


* Himanshu Saxena ( Motivational speaker , Poet, blog writer, Digital marketer)

* Radhika Saxena ( Motivational speaker, Educational trainer).

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जय हिन्द जय भारत!!

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